Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -24-Jun-2022 मौसम भी करें प्यार का इशारा

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक- मौसम भी कर रहे प्यार का इशारा
विधा-गीत
श्रृंगार रस

सजना...... ओ सजना,
मेरा दिल तुझको पुकारे।

समझो हमारा इशारा,
यूं ना हमें तड़पा,
ढूंढें ,ये आंखें, यहां वहां,
करते है तुमको प्यार बेइंतेहा।

सजना......ओ. सजना....
मेरा दिल तुझको पुकारे

दिल तो मेरा पगला गया,
तुमसे प्यार कर बैठा,
कर रही हूं  ऐतबार,
कर रही हूं इंतजार,
 अब ये बेकरारी, ये तड़पन ,
अब सही नहीं जाएं।

 सजना.... ओ सजना....
मेरा दिल तुझको पुकारे।


आई है जब से बरसा,
  हो गई  मैं मदहोश,
दिल ये पुकारे,
देख ले तू  इशारे,
बदन भी भीगा,
होठों को छूकर,
दे मुझे अपना जाम,
ये है मस्तानी शाम।

सजना..... ओ सजना....
मेरा दिल तुझको पुकारे।

ये सर्द हवाएं,
ये फिजाएं,
ये ऋतुये बड़ी मस्तानी,
देख कर दिल की बढ़े बेकरारी ,
अब नहीं सही जाए।

सजना....... ओ सजना...
मेरा दिल तुझको पुकारे।

सर्दी का ये मौसम,
दिल में करे शोर,
बिछड़न तेरी सही न जाए ओर,
होठों को जब चुमे ओस,
मेरी प्यास बढ़ती जाए,
अब ये बेकरारी,
दिल से सही ना जाए।

सजना...... ओ सजना.....
मेरा दिल तुझको पुकारे।

दिल की तड़पन,
नैना बेकरार,
मेरी मोहब्बत,
बदन की ये प्यास बढ़ती ही जाये,
बाहों में तुम उठा लो,
संगिनी हमें बना लो,
कह रहे हैं तुमको ,
अपना  बना लो साजना।


सजना.... ओ सजना
मेरा दिल तुझको पुकारे।

समझो हमारा इशारा,
यूं ना हमें तड़पा,
ढूंढे यह आंखें यहां वहां,
करते हैं तुमको प्यार बेइंतहा।

सजना.........ओ मेरे सजना,
मेरा दिल तुझको पुकारे।













   19
9 Comments

Dr. Arpita Agrawal

26-Jun-2022 12:52 AM

बहुत सुंदर 👌👌👌

Reply

Shrishti pandey

25-Jun-2022 11:12 AM

Nice

Reply

Punam verma

25-Jun-2022 10:45 AM

Nice

Reply